लेखनी प्रतियोगिता -20-Jan-2022 रंगीन ख्वाब
रंगो भरा एक सपना देखा,
सपने में कोई अपना देखा |
रंगीला था मेरा साजन बड़ा
कब से पीछे था वह मेरे पड़ा |
ख्वाब ने हमें यह क्या दिखाया ,
हमने उससे कुछ यूं फरमाया |
कौन हो तुम जो मेरे पीछे पड़े ,
रहते हो क्यों मुझसे दूर खड़े |
गालों पर मेरे जो रंगत छाई ,
क्या हो सनम तुम मेरी परछाई |
शरारते कुछ फिर वो यूँ करता ,
दिल उसके लिए मेरा धड़कता |
ख्वाबों में ही तुम आते हो पिया,
ले जाते हो तुम आकर मेरा जिया |
सपनों को सच अब कर जाओ,
मौसम में रवानियत भर जाओ |
रंगीन ख्वाब मेरे हो जाएंगे पूरे ,
न फिर सपने हमारे रहेंगे अधूरे |
जिंदगी में जब तुम आ जाओगे
प्रेम सुधा तब हम पर बरसाओगे ||
प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Sudhanshu pabdey
21-Jan-2022 11:37 AM
Very nice 👌
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Punam verma
21-Jan-2022 08:58 AM
Nice
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Swati chourasia
21-Jan-2022 07:48 AM
Very beautiful 👌
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